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HSG टेस्ट: जानें कैसे यह जांच बढ़ा सकती है आपकी गर्भधारण की संभावना (HSG test in hindi)

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आज हम एक महत्वपूर्ण मेडिकल परीक्षण, HSG टेस्ट के बारे में जानेंगे। HSG का पूरा नाम ह्यूस्टेरोसल्पिंगोग्राफी है। यह एक एक्स-रे परीक्षण है जो महिलाओं के गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब की स्थिति और स्वास्थ्य की जांच करता है। इस ब्लॉग में, हम HSG टेस्ट के बारे में विस्तार से जानेंगे, जैसे कि यह क्या होता है, कैसे होता है, और इसके लाभ और जोखिम क्या हैं।

HSG टेस्ट, यानी ह्यूस्टेरोसल्पिंगोग्राफी, एक प्रकार की एक्स-रे प्रक्रिया है जो महिलाओं के गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब की जांच के लिए की जाती है। इस टेस्ट की मदद से डॉक्टर यह पता लगा सकते हैं कि क्या फैलोपियन ट्यूब में कोई रुकावट है या गर्भाशय में कोई असामान्यता है, जो बांझपन का कारण बन सकती है।

HSG टेस्ट क्यों किया जाता है? Why is HSG test done?

HSG टेस्ट का मुख्य उद्देश्य बांझपन (infertility) के कारणों का पता लगाना है। यह टेस्ट डॉक्टर को यह जानने में मदद करता है कि फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय स्वस्थ हैं या नहीं। इसके अलावा, यह टेस्ट अन्य समस्याओं का भी पता लगा सकता है जैसे कि गर्भाशय में फाइब्रॉएड, पॉलीप्स, या आसंजन।

HSG टेस्ट कैसे होता है? How is HSG test done?

HSG टेस्ट के दौरान, डॉक्टर एक पतली कैथेटर का उपयोग करते हैं जो गर्भाशय ग्रीवा (cervix) के माध्यम से गर्भाशय में डाला जाता है। इसके बाद एक रंगीन डाई (dye) गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब में डाली जाती है। फिर एक्स-रे लिया जाता है जो दिखाता है कि डाई कैसे फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय में प्रवाहित हो रही है। अगर ट्यूब में कोई रुकावट है, तो डाई वहां नहीं पहुंचेगी और यह एक्स-रे में दिखाई देगी।

HSG टेस्ट की प्रक्रिया HSG test procedure

  1. तैयारी: परीक्षण से पहले, डॉक्टर आपको परीक्षण की प्रक्रिया के बारे में बताएंगे और किसी भी सवाल का जवाब देंगे। आपको मासिक धर्म चक्र के 5-10 दिन के बीच परीक्षण के लिए बुलाया जाएगा।
  2. प्रक्रिया का आरंभ: परीक्षण के दौरान, आपको एक्स-रे टेबल पर लेटाया जाएगा। डॉक्टर आपके गर्भाशय ग्रीवा में एक स्पेकुलम (speculum) डालेंगे ताकि कैथेटर को आसानी से डाला जा सके।
  3. डाई का प्रवाह: कैथेटर के माध्यम से डॉक्टर गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब में डाई डालेंगे। यह डाई एक्स-रे में दिखाई देती है।
  4. एक्स-रे: डाई के प्रवाह के बाद, एक्स-रे लिया जाएगा जो गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब की स्थिति को दिखाएगा।
  5. प्रक्रिया का अंत: प्रक्रिया के बाद, स्पेकुलम और कैथेटर को हटा दिया जाएगा और आपको आराम करने के लिए कहा जाएगा।

HSG टेस्ट के दौरान दर्द Pain during HSG test

HSG टेस्ट के दौरान थोड़ा असुविधा और हल्का दर्द हो सकता है। यह दर्द मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द की तरह हो सकता है। परीक्षण के बाद कुछ महिलाओं को पेट में हल्का दर्द या ऐंठन महसूस हो सकता है, लेकिन यह आमतौर पर सहनीय होता है। डॉक्टर आपकी सुविधा के लिए प्रक्रिया से पहले पेनकिलर लेने की सलाह दे सकते हैं।

HSG टेस्ट के लाभ Benefits of HSG test

HSG टेस्ट के कई लाभ हैं जो इसे बांझपन के निदान के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षण बनाते हैं:

  1. फैलोपियन ट्यूब की जांच: HSG टेस्ट फैलोपियन ट्यूब में किसी भी रुकावट का पता लगाने में मदद करता है। अगर ट्यूब में कोई रुकावट है, तो डाई वहां नहीं पहुंचेगी और यह एक्स-रे में दिखाई देगी।
  2. गर्भाशय की जांच: HSG टेस्ट गर्भाशय में किसी भी असामान्यता का पता लगाने में भी मदद करता है, जैसे कि फाइब्रॉएड, पॉलीप्स, या आसंजन।
  3. त्वरित परिणाम: HSG टेस्ट के परिणाम जल्दी मिल जाते हैं, जिससे डॉक्टर तुरंत निदान कर सकते हैं और उचित उपचार की योजना बना सकते हैं।
  4. नॉन-इनवेसिव: यह परीक्षण नॉन-इनवेसिव है और इसमें ज्यादा समय नहीं लगता। परीक्षण के बाद आप तुरंत घर जा सकते हैं।
  5. बांझपन का निदान: HSG टेस्ट बांझपन के निदान के लिए पहला कदम है और यह कई महिलाओं के लिए गर्भधारण की समस्या को समझने में मदद करता है।

HSG टेस्ट के बाद क्या उम्मीद करें? What to expect after HSG test?

HSG टेस्ट के बाद कुछ दिनों तक हल्की ऐंठन या असुविधा महसूस हो सकती है। योनि से हल्का रक्तस्राव या चिपचिपा स्राव भी हो सकता है। ये लक्षण कुछ दिनों के भीतर ठीक हो जाते हैं। अगर दर्द या असुविधा बनी रहती है, तो डॉक्टर से परामर्श करें।

HSG टेस्ट के बाद की सावधानियाँ

  1. आराम करें: परीक्षण के बाद कुछ घंटे आराम करें और भारी कामों से बचें।
  2. दर्द निवारक: अगर दर्द हो रहा है, तो डॉक्टर द्वारा सुझाए गए दर्द निवारक दवाओं का उपयोग करें।
  3. संक्रमण से बचाव: योनि से असामान्य स्राव, बुखार, या तेज दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  4. यौन संबंध: परीक्षण के बाद कुछ दिनों तक यौन संबंध बनाने से बचें ताकि संक्रमण का खतरा कम हो सके।

HSG टेस्ट के जोखिम Risks of HSG test

HSG टेस्ट आमतौर पर सुरक्षित होता है, लेकिन कुछ दुर्लभ जटिलताएं हो सकती हैं:

  1. कंट्रास्ट डाई से एलर्जी: कुछ महिलाओं को कंट्रास्ट डाई से एलर्जी हो सकती है। अगर आपको एलर्जी है, तो डॉक्टर को पहले से सूचित करें।
  2. संक्रमण: गर्भाशय या फैलोपियन ट्यूब में संक्रमण हो सकता है। अगर बुखार, ठंड लगना, या तेज दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
  3. गर्भाशय का छिद्र: यह एक बहुत ही दुर्लभ जटिलता है, लेकिन कैथेटर गर्भाशय की दीवार को छिद्र कर सकता है।
  4. असामान्य रक्तस्राव: परीक्षण के बाद हल्का रक्तस्राव सामान्य है, लेकिन अगर यह कुछ घंटों से अधिक समय तक रहता है और मासिक धर्म से अधिक भारी है, तो डॉक्टर से परामर्श लें।

HSG टेस्ट के परिणाम HSG test results

HSG टेस्ट के परिणामों की व्याख्या डॉक्टर द्वारा की जाती है। सामान्य परिणाम बताते हैं कि फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय सामान्य हैं और कोई रुकावट नहीं है। अगर परिणाम असामान्य हैं, तो आगे के परीक्षणों की आवश्यकता हो सकती है।

सामान्य परिणाम

सामान्य HSG टेस्ट रिपोर्ट यह दिखाती है कि फैलोपियन ट्यूब में कोई रुकावट नहीं है और गर्भाशय में कोई असामान्यता नहीं है। डाई आसानी से फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय में प्रवाहित हो जाती है और एक्स-रे में यह स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।

असामान्य परिणाम

असामान्य HSG टेस्ट रिपोर्ट यह संकेत देती है कि फैलोपियन ट्यूब में रुकावट है या गर्भाशय में कोई असामान्यता है। अगर ट्यूब में रुकावट है, तो डाई वहां नहीं पहुंचेगी और यह एक्स-रे में दिखाई देगी। गर्भाशय में असामान्यता जैसे कि फाइब्रॉएड, पॉलीप्स, या आसंजन भी एक्स-रे में दिखाई दे सकते हैं।

HSG टेस्ट से गर्भधारण की संभावना Possibility of pregnancy through HSG test

कुछ मामलों में, HSG टेस्ट अप्रत्यक्ष रूप से गर्भधारण की संभावना को बढ़ा सकता है। ऐसा माना जाता है कि प्रक्रिया के दौरान उपयोग की जाने वाली कंट्रास्ट डाई (आयोडीन) श्लेष्म या अन्य कोशिका मलबे को साफ करने में मदद कर सकती है जो फैलोपियन ट्यूब को अवरुद्ध कर सकती है और गर्भधारण को रोक सकती है। यह प्रक्रिया के बाद लगभग 3 महीने तक गर्भधारण की संभावना को बढ़ा सकती है।

HSG टेस्ट के विकल्प HSG test options

HSG टेस्ट के अलावा अन्य प्रक्रियाएं भी हैं जो गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब की जांच के लिए की जा सकती हैं:

  1. लैप्रोस्कोपी (Laparoscopy): यह एक सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें पेट में एक छोटा सा चीरा लगाकर एक कैमरा डाला जाता है। इससे डॉक्टर सीधे फैलोपियन ट्यूब और गर्भाशय को देख सकते हैं।
  2. हिस्टेरोस्कोपी (Hysteroscopy): इस प्रक्रिया में एक पतला कैमरा गर्भाशय ग्रीवा के माध्यम से गर्भाशय में डाला जाता है। इससे गर्भाशय की आंतरिक दीवार को देखा जा सकता है और किसी भी असामान्यता का पता लगाया जा सकता है।

निष्कर्ष

HSG टेस्ट महिलाओं के गर्भाशय और फैलोपियन ट्यूब की जांच के लिए एक महत्वपूर्ण परीक्षण है जो बांझपन के कारणों की पहचान करने में मदद करता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर सुरक्षित और सहनीय होती है, लेकिन इसमें कुछ असुविधा और जोखिम हो सकते हैं। HSG टेस्ट के बाद, आपको कुछ दिनों तक हल्की ऐंठन या असुविधा महसूस हो सकती है, लेकिन यह सामान्य है।

हमने इस ब्लॉग में HSG टेस्ट के बारे में विस्तार से जानकारी दी है, जो आपके लिए समझने में आसान है। यदि आपके मन में कोई सवाल हो या आपको अधिक जानकारी चाहिए, तो कृपया Yashoda IVF Centre, मुंबई से संपर्क करें। यह केंद्र बांझपन के इलाज में विशेषज्ञता रखता है और आपकी स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं को समझने और सही समाधान देने में मदद कर सकता है।

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